यातायात

 यातायात

लगभग दो सौ साल पहले, मानव के पास यातायात का सबसे तेज उपलब्ध साधन घोड़ा था। अट्ठारहवीं शताब्दी के अंत में जेम्स वाट द्वारा विकसित वाष्प के इंजन ने यातायात को गति दी।

समुद्री यातायातः बड़े और तेज वाष्प के इंजन से चलने वाले जहाजों से माल दूरस्थ तटों तक तेजी से जा सकता था, जिससे व्यापार तेजी से बढ़ा । आज भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार मुख्यतः जहाजों पर ही निर्भर है। पारंपरिक जहाजों के अतिरिक्त, हाल के दशकों में कुछ असाधारण सामुद्रिक जहाज भी विकसित किए गए हैं, होवरक्राफ्ट उनमें से एक है।

रेलवेः 

वाष्प इंजन से चलने वाले जहाजों के कुछ वर्ष बाद रेलवे अस्त्तिव में आयी। रेलों को चलाने के लिए स्टीम इंजन का प्रयोग किया जाता था जो पटरियों पर डिब्बों की एक श्रृंखला को खींचते थे। पहली नियमित यात्री रेल सेवा 1825 में यू.के. में स्टॉकटन और डार्लिंगटन के बीच स्थापित की गई। 1830 के बाद कुछ ही दशकों में सभी विकसित देशों और उसके बाद विकासशील देशों में रेलवे लाइनों का जाल बिछ गया । रेल तेज गति से बड़ी मात्रा में सामान के साथ-साथ यात्रियों को भी लंबी दूरियों तक सहजता से ले जा सकती थी। डीजल इंजन के विकास के साथ एक नए युग का आरंभ हुआ । आज पूरी तरह विद्युत चालित इंजन सेवा में हैं। आज का सबसे उत्साहवर्धक विकास हैं मैग्नेटिक लेवीटेशन (मैगलेव) ट्रेनों का विकास ।

स्वचालित वाहनः

 रेलवे ने पटरियों से जुड़े दो निश्चित स्थानों के बीच आवागमन को संभव बनाया लेकिन वे व्यक्तिगत गतिशीलता प्रदान नहीं कर सकती थीं। इसके लिए हल्के छोटे वाहनों की जरूरत थी। इस जरूरत को चार स्ट्रोक वाले पैट्रोल इंजन के आविष्कार द्वारा 1876 में जर्मनी के निकोलस ऑटो ने और डीजल इंजन के आविष्कार द्वारा जर्मनी के ही रूडोल्फ डीजल ने 1893 में पूरा किया। वर्ष 1890 में ऑटो वाहन सड़क पर दिखाई देने लगे थे।

लेकिन ऑटोवाहन क्रांति दो समानांतर विकासों के बिना उड़ान नहीं भर सकती थी- पेट्रोलियम और रबड़ उद्योग का उदय । जबरदस्त परिवर्तन 1889 में आया, जब संपीड़ित हवा से भरे कड़ी रबड़ के टायर और ट्यूब बने। ऑटोवाहन के इतिहास में हेनरी फोर्ड (1863-1947) एक जाना माना नाम है

कारों के अलावा बड़े पैमाने पर ट्रकों का उपयोग भी आधुनिक समाज की एक उपलब्धि है। ट्रक सामान को सीधे फैक्ट्री से उपभोक्ता के दरवाजे तक पहुंचा सकते हैं। तकनीकी रूप से ऑटोवाहन अपने प्रारब्ध से लेकर आज तक असीमित रूप से उन्नत हुए हैं। इंजन कहीं अधिक शक्तिशाली और ईंधन प्रभावी हैं जिन्हें गाड़ी में लगे कंप्यूटर्स द्वारा नियंत्रित किया जाता है। ग्लोबल पॉजिशनिंग सैटेलाइटों पर आधारित तंत्र, चालक द्वारा लिए जाने वाले मार्ग को प्रदर्शित करते हैं। प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए कैटालिटिक कन्वर्टर, निकास गैसों को उपचारित करते हैं। एलुमिनियम, प्लास्टिक और कम्पोजिटों के उपयोग से वाहनों के भार में कमी आ गई है। रेलवे की अपेक्षा ऑटो वाहनों ने मानव के व्यवहार और जीवनशैली में गंभीर परिवर्तन ला दिया है।

हवाई यात्राः 

पक्षियों की तरह उड़ना युगों से मानव का सपना रहा है। लेकिन पहली वास्तविक उड़ान 1783 में फ्रांस के मांटगोल्फियर बंधुओं द्वारा बनाए गए गर्म हवा के गुब्बारों द्वारा हुई। हवा से भारी उड़ने वाली मशीन बनाने के प्रयास उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में क्रांतिक अवस्था में पहुंचे। दिसंबर 1903 में विल्बुर और ऑरविले राइट के बनाए वायुयान, फ्लायर ने इतिहास की पहली उड़ान भरी ।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, सैनिक आवश्यकताओं के साथ-साथ व्यापारिक कारणों से विशाल जेट विमान विकसित किए गए। वायु सेना ने बमवर्षक और मालवाहक के रूप में उनका उपयोग किया और एयरलाइनों ने यात्री विमानों के रूप में। नागरिक विमानन धीरे-धीरे विकसित हुआ। वर्ष 1920 के दशक में नागरिक विमानन की धीमी प्रगति हुई लेकिन 1945 के बाद, हवाई यात्रा तेजी से विकसित हुई। संपूर्ण जेट यात्री विमान कुछ वर्षों के बाद सेवा में आए | चूंकि उनका रखरखाव सरल था, उतने ही समय में ज्यादा ट्रिप कर सकते थे और सेवा काल भी लंबा था, हवाई यात्रा सस्ती हो गई और जन यात्रा का युग शुरू हुआ।

दुपहिया वाहन/टू-व्हीलर्सः 

जब लोगों का ध्यान परिवहन के आकर्षक साधनों जैसे बड़े यात्री जहाज और विमान पर केंद्रित था, साधारण साइकिल और बाद में अर्जित दुपहिया वाहनों के जरिए एक गुप्त आमूल परिवर्तन भी हो रहा था। अधिकांश विकासशील देशों में साइकिल यातायात का एक महत्वपूर्ण साधन है। साइकिल की खोज 1860 के दशक के बाद हुईं लेकिन पूरी तरह उपयोग में 1888 के बाद आई, जॉन बॉयड डनलप द्वारा हवा भरे टायरों की खोज के बाद । साइकिल ने आम आदमी की गतिशीलता को काफी बढ़ाया । विकसित देशों में एक प्रदूषण मुक्त और स्वास्थ्यवर्धक परिवहन के रूप में साइकिल का पुनर्जन्म हो रहा है। साइकिलों में इंजन की शक्ति के संयोजन की बात सोचना समय की मांग था। पहली सफल मोटरसाइकिल 1894 में बनी । विकसित राष्ट्रों में मोटरसाइकिल विशेष रूप से मनोरंजन का साधन रही है, केवल पुलिस और सेना ने ही इसका सीमित गंभीर उपयोग किया है। लेकिन विकासशील देशों में स्थिति भिन्न है। यहां दुपहिया के अनेक विभेद मौजूद हैं-मोटरसाइकिल, स्कूटर, मोपेड-तीन पहिए वाले ऑटो रिक्शा और भारवाहक आदि सहित।




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