cryptocurrency क्रीपटॉकरेंसी

 Cryptocurrency 

एक  डिजिटल करेंसी (digital currency) है जिसका उपयोग ट्रेडिंग तथा transactions (लेन - देंन) में किया जाता है, एक प्रकार से यह भी पेपर करेंसी का ही काम करती है लेकिन ये फिजिकल फॉर्मेट में नहीं होती। इसके बारे में सबसे मजेदार बात यह है कि यह एक Decentralized करेंसी है अर्थात किसी भी प्रकार की सरकारी संस्था या सरकार इसको नियंत्रित नहीं कर सकती।

क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लाभ:

  • तीव्र और सस्ते लेन-देन: अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन को निष्पादित करने के लिये क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करना सस्ता है क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन को उनके गंतव्य तक पहुंँचने से पहले बिचौलियों की शृंखला द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है।
  • निवेश गंतव्य: क्रिप्टोकरेंसी की आपूर्ति सीमित है- आंशिक रूप से सोने की तरह। इसके अलावा पिछले कुछ वर्षों में अन्य वित्तीय साधनों की तुलना में क्रिप्टोकरेंसी की कीमत तेज़ी से बढ़ी है।
    • इसके कारण लोगों का झुकाव क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का अधिक देखा जा सकता है।
  • मुद्रास्फीति विरोधी मुद्रा:  क्रिप्टोकरेंसी की उच्च मांग के कारण इसकी कीमतें काफी हद तक ‘वृद्धिमान प्रक्षेप वक्र’ (Growing Trajectory) द्वारा निर्धारित होती हैं। इस परिदृश्य में लोग इसे खर्च करने की तुलना में अपने पास रखना अधिक पसंद करते हैं।
    • इससे मुद्रा पर अपवस्फीतिकारी प्रभाव (Deflationary Effect) उत्पन्न होगा।

क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित चिंताएँ:

  • विज्ञापन की अत्यधिक संख्या: प्रायः क्रिप्टो बाज़ार को त्वरित लाभ कमाने के तरीके के रूप में देखा जाता है। इसके कारण लोगों को इस बाज़ार में सट्टा लगाने के लिये लुभाने हेतु ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के विज्ञापनों का व्यापक संख्या में प्रयोग किया जा रहा है।
    • हालाँकि, चिंता यह है कि इस प्रकार के विज्ञापनों की अत्यधिक संख्या और इनमें मौजूद ‘गैर-पारदर्शीता’ के माध्यम से युवाओं को गुमराह करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
  • काउंटरप्रोडक्टिव उत्पाद: इसके परिणामस्वरूप अनियमित क्रिप्टो बाज़ार मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के मार्ग का निर्माण कर सकते हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी बेहद अस्थिर हैं: बिटकॉइन 40,000 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 65,000 अमेरिकी डॉलर (जनवरी से अप्रैल 2021 के बीच) के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया।
    • फिर मई 2021 में, यह गिर गया और पूरे जून में यह 30,000 अमेरिकी डॉलर से नीचे रहा।
    • मैक्रो इकॉनॉमिक और वित्तीय स्थिरता: क्रिप्टो एक्सचेंज के एक समूह के अनुसार, करोड़ों भारतीयों ने क्रिप्टो संपत्ति में 6,00,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
    • इस अनियमित परिसंपत्ति वर्ग में भारतीय खुदरा निवेशकों के निवेश जोखिम की सीमा, व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिये एक जोखिम है।
  • स्टॉक मार्केट के मुद्दे: ‘भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड’ (सेबी) ने इस मुद्दे को हरी झंडी दिखाई है कि क्रिप्टो मुद्राओं के ‘समाशोधन और निपटान’ पर इसका कोई नियंत्रण नहीं है, और यह प्रतिपक्ष गारंटी की पेशकश नहीं कर सकता जैसा कि शेयरों के लिये किया जा रहा है।
इसके अलावा, क्या क्रिप्टोकरेंसी एक मुद्रा, वस्तु या प्रतिभूति है, इसे परिभाषित नहीं किया गया है

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