संज्ञा - संज्ञा के परिभाषा,संज्ञा के भेद, उदाहरण
संज्ञा :-
आज संज्ञा के बारे में जानेंगे - संज्ञा हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण टॉपिक है। संज्ञा शब्द से संसार के समस्त वास्तु ,प्राणी, स्थान, भाव का बोध होता है
👉 परिभाषा :- किसी प्राणी, वस्तु, स्थान या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण :-
प्राणियों के नाम:- मोर, नारी, मनुष्य, तुलसीदास
वस्तुओं का नाम:- पुस्तक, कुर्सी, साइकिल, कंप्यूटर
स्थानों के नाम:- सासाराम, पटना, आगरा, कोलकाता
संज्ञा के भेद :-
संज्ञा के पांच भेद होते हैं -
1. व्यक्तिवाचक
2. जातिवाचक
3. भाववाचक
4. समूहवाचक
5. द्रव्यवाचक
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा :-
👉 जो संज्ञा शब्द किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु,अथवा स्थान आदि के नाम का बोध करता है, उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे :- रामायण महाकाव्य है। अतुल पड़ता है।
2. जातिवाचक संज्ञा:-
👉 जो संज्ञा किसी प्राणी, वस्तु अथवा पदार्थ की पूरी जाति का बोध करता हो, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे:- गाय दूध देती हैं। कबूतर उड़ रहे हैं।
3. भाववाचक संज्ञा :-
👉 जिस संज्ञा से किसी पदार्थ का गुण-दोष, स्वभाव, भाव, कर्म या अवस्था आदि का बोध हो, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे:- आपकी बोली में मिठास है। बुढ़ापा कष्टकारक होता है।
4. समूहवाचक संज्ञा :-
👉 जिस संज्ञा शब्द से वस्तु या व्यक्ति के समूह का बोध हो, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे:- सभा, सासद, बाजार, आदि।
5. द्रव्यवाचक संज्ञा :-
👉 जिस संज्ञा शब्द से द्रव्य पदार्थ का बोध हो, जिसे मां पाया तोला जाता हो या जिससे कोई दूसरी वस्तु-निर्मित हो, द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे:- दूध, चावल, तेल, सोना, मांस, कपड़ा,आदि।
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