क्रिया - क्रिया के परिभाषा , क्रिया के भेद, क्रिया के भेद उदाहरण सहित

क्रिया :- 

👉परिभाषा - जिस शब्द से किसी काम के होने या करने का बोध हो, उसे क्रिया कहते हैं।

जैसे:- खाना, पढ़ना, हंसना, रोना, नाचना, खेलना, आदि।
उदाहरण :-
(क) हवा बह रही है।
(ख) वर्षा हो रही है।
(ग) चंदन क्रिकेट खेलता है।
👉स्मरण रखें : जो काम करने का बोध करता है। वह शब्द क्रिया कहलाता है।

धातु:- 

👉जिस मूल शब्द से क्रिया का निर्माण होता है, उसे धातु कहते हैं। धातु में 'ना' जोड़कर क्रिया बनायी जाती है।

जैसे:- पढ़+ना =पढ़ना।
     आ+ना =आना।

क्रिया के भेद :-

👉कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं :-

🌟1. अकर्मक क्रिया
🌟2. सकर्मक क्रिया

1. अकर्मक क्रिया :-

👉जिस क्रिया के कार्य का फल कर्ता पर ही पड़े, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। अकर्मक क्रिया का कोई कर्म (कारक) नहीं होता, इसलिए इसे अकर्मक कहा जाता है।

जैसे:- 
(क) श्याम रोता है।
(ख) आशुतोष दौड़ता है।

2. सकर्मक क्रिया :- 

👉जिस क्रिया में कर्म का फल कर्ता पर ना पढ़कर किसी दूसरी जगह पड़ता है तो उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। सकर्मक क्रियाओं के साथ कर्म (कारक) रहता है या उसके साथ रहने की संभावना करता है।

जैसे:-
(क) मोहन पुस्तक पढ़ता है।
(ख) उसने बाघ मारा।
उपयुक्त वाक्यों में कर्म का फल  पुस्तक, और बाघ पर पड़ता है, इसलिए यह सकर्मक क्रिया है।




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