काल - काल के परिभाषा , काल के भेद, काल के भेद उदाहरण सहित
काल :-
👉काल क्रिया का वह रूप है, जिससे समय का बोध होता है।
जैसे:- संजय विद्यालय जाता है।
संजय विद्यालय गया।
संजय विद्यालय जाएगा।
ऊपर के वाक्यों से हमें क्रिया के होने के समय का पता चलता है।
काल के तीन भेद होते हैं :-
🌟1. वर्तमान काल
🌟2. भूतकाल
🌟3. भविष्य काल
1. वर्तमान काल :-
👉वर्तमान समय में किसी क्रिया के होने या करने का बोध हो उसे वर्तमान कल कहते हैं ।
जैसे:- राम पढता है।
राम पढ रहा है।
वर्तमान काल के तीन भेद होते हैं :-
(क) सामान्यय वर्तमान :-
👉किरिया के जिस रुप से उसके वर्तमान काल में सामान्य रूप से होने का बोध हो, उसे सामान्य वर्तमान कहते हैं।
जैसे:- गीता पुस्तक पढ़ती है।
बच्चा दूध पीता है।
(ख) तत्कालीन वर्तमान :-
👉जिससे क्रिया के वर्तमान समय में लगातार होने की जानकारी मिले, उसे तत्कालीन वर्तमान करते हैं।
जैसे:- रजनीश पुस्तक पढ़ रहा है।
सविता साइकिल चला रही है।
(ग) संदिग्ध वर्तमान :-
👉क्रिया के जिस रुप से वर्तमान काल में क्रिया के होने का अनुमान या संदेश हो, उसे संदिग्ध वर्तमान कहते हैं।
जैसे:- रोहित पड़ता होगा।
सीमा फूल तोड़ती होगी।
2. भूतकाल :-
👉भूतकाल का अर्थ है - बीता हुआ समय।
भूतकाल से बीते हुए समय में क्रिया के होने का बोध हो।
जैसे:- मोहन ने पत्र लिखा।
सुबह वर्षा हुई थी।
भूतकाल के छह भेद होते हैं :-
(क) सामान्य भूत :-
👉जहां बीते हुए समय में क्रिया के सामान्य रूप से पूरा होने का बोध हो, उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं।
जैसे:- उसने खाना खाया।
पिताजी बाजार गए।
(ख) आसत्र भूत :-
👉आसत्र का अर्थ है निकट। क्रिया अभी-अभी समाप्त हुई हो, उसे आसत्रभूत काल कहते हैं।
जैसे:- सीता बाजार गई।
बच्चा अभी सोया है।
(ग) पूर्ण भूतकाल :-
👉क्रिया के जिस रुप से यह ज्ञात हो कि क्रिया बहुत पहले पूरी हो गई है, वह पूर्ण भूतकाल करते हैं।
जैसे:- वह पटना गया था।
डॉक्टर के आने से पहले रोगी मर चुका था।
(घ) अपूर्ण भूतकाल :-
👉क्रिया के जिस रुप से पता चले कि क्रिया भूतकाल में हो रहे हैं थी, किंतु यह पता ना चले कि कार्य समाप्त हुई है या नहीं, वह अपूर्ण भूतकाल कहलाता हैं।
जैसे:- संजय विद्यालय जा रहा था।
सीमा गाना गा रही थी।
(ङ) संदिग्ध भूतकाल :-
👉बीते हुए समय में जिस काम के होने में संदेह हो, उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं।
जैसे:- वह पटना से लौटा होगा।
रोहित ने प्रतीक्षा की होगी।
(च) हेतुहेतुमद्त भूतकाल :-
👉इस भेद मे शर्त वाले वाक्य आते हैं। अतः जहां भूतकाल की एक क्रिया दूसरी क्रिया पर आश्रित होती है, वहां हेतुहेतुमद्त भूतकाल होता है।
जैसे:- यदि वह पढा होता तो सफल होता है।
यदि वर्षा होती तो खेती अच्छी होती।
3. भविष्य काल :-
👉भविष्य से तात्पर्य है - आने वाला समय।
जिससे कि क्रिया के भविष्य में होने का बोध हो, उसे भविष्य काल करते हैं।
जैसे:- सीमा बाजार गई।
कल विद्यालय बंद रहेगा।
भविष्य काल के तीन भेद होते हैं :-
(क) सामान्य भविष्यत :-
👉इससे पता चलता है कि कोई काम सामान्यता: भविष्य होता है।
जैसे:- सुधा पत्र देखेगी।
मैं बाजार जाऊंगा।
(ख) संभाव्य भविष्यत काल :-
👉जो आने वाले समय में क्रिया के होने होने यह करने की संभावना पायी जाए, वहां संभाव्य भविष्यत होता है।
जैसे:- संभोग है मैं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होऊ।
शायद हुआ कल आए।
(ग) हेतुहेतुमद् भविष्यत काल :-
👉यदि भविष्य में एक क्रिया का होना दूसरे क्रिया के होने पर निर्भर करें तो उसे हेतुहेतुमद् भविष्यत काल कहेंगे।
जैसे:- वह परिश्रम करे तो सफल हो जाएगा।
वह पढे़ तो विद्वान हो जाएगा।
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