उपवाक्य

उपवाक्य :-
कभी-कभी कथन को स्पष्ट करने के लिए एक वाक्य में कई छोटे-छोटे वाक्य लिखे जाते हैं, इन छोटे वाक्यों को उपवाक्य कहते हैं।
 यह वाक्य का वह अंग है जिसमे एक कर्ता और एक क्रिया हो।
जैसे:- 
गीता ने कहा कि ट्रेन चली गई।
यहां इन वाक्य में दो उपवाक्य हैं - पहला 'गीता ने कहा' और दूसरा 'ट्रेन चली गई'।
उपवाक्य के दो भेद होते हैं :-
1. प्रधान वाक्य :-
यह वाक्य का वह हिस्सा होता है जो स्वतंत्र अर्थ भी दे सकता है, और दूसरा उपवाक्य पर आश्रित नहीं होता है।
जैसे:- 
श्याम ने कहा कि विद्यालय बंद है।
यहां 'श्याम ने कहा' प्रधान उपवाक्य है।
2. आश्रित उपवाक्य :- 
यह वाक्य का वह हिस्सा होता है जो स्वतंत्र नहीं होता। यह दूसरे उपवाक्य आश्रित होता है।
जैसे:- 
आप नहीं जानते कि वह कैसा लड़का है।
इस वाक्य में 'आप नहीं जानते' प्रधान उपवाक्य है, 
'कि वह कैसा लड़का है' आश्रित उपवाक्य है।

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