प्रतिबिंब (image) किसे कहते हैं? समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब की विशेषताएं।

जब किसी दर्पण या आईने के सामने कोई वस्तु रखी जाती है तब उसका प्रतिबिंब (image) दिखाई पड़ता है।वस्तु के विभिन्न बिंदुओं से प्रकाश की किरणें दर्पण पर पड़ती है परिवर्तन के नियम का पालन करती हुई परिवर्तित होती है। यह परिवर्तित किरणें या तो किसी बिंदु पर मिलती है या फिर किसी बिंदु से आती हुई प्रतीत होती है।

प्रतिबिंब
reflection of light mirror image 

प्रतिबिंब(image):-

👉किसी बिंदु स्रोत से आती प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद जिस बिंदु पर मिलती है या जिस बिंदु से आती हुई प्रतीत होती है, उसे उस बिंदु स्रोत का प्रतिबिंब कहते हैं।

प्रतिबिंब दो प्रकार के होते हैं

  1. वास्तविक प्रतिबिंब (real image)
  2. आभासी या काल्पनिक प्रतिबिंब (virtual image)

वास्तविक प्रतिबिंब (real image)

👉किसी बिंदु स्रोत से आती प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद जिस बिंदु पर वास्तव में मिलती है उसे उस बिंदु स्रोत का वास्तविक प्रतिबिंब कहते हैं। अतः वास्तविक प्रतिबिंब पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है वास्तविक प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा हमेशा उल्टा होता है।

आभासी प्रतिबिंब (virtual image)

👉किसी बिंदु स्रोत से आती प्रकाश की किरणें परिवर्तन के बाद जिस बिंदु से आती हुई प्रतीत होती है, उसे उस बिंदु स्रोत का आभासी प्रतिबिंब कहते हैं। अतः आभासी प्रतिबिंब को पर्दे पर नहीं प्राप्त किया जा सकता है। आभासी प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा हमेशा सीधा होता है।
नोट :-आभासी प्रतिबिंब को सादा बिंदुओं से या टूटी रेखाओं से दर्शाया जाता है।

समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब की विशेषताएं

समतल दर्पण में बने प्रतिबिंब की निम्नलिखित विशेषताएं होती है।

  1. प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है।
  2. प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के बराबर होता है।
  3. प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा सीधा बनता है।
  4. प्रतिबिंब आभासी होता है अतः इसे पर्दे पर नहीं प्राप्त कर सकते हैं।
  5. प्रतिबिंब दर्पण से उतना ही पीछे बनता है जितना वस्तु दर्पण से आगे अथर्व सामने रहता है।

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