वायुमंडल

 वायुमंडल 

गैसो की वह परत जो पृथ्वी को चारो तरफ से घिरे हुए होते है उसे वायुमंडल कहते है। वायुमंडल विभिन्न प्रकार के गैसों का असमंगी मिश्रण है , जो पृथ्वी को चारो तरफ से घिरे हुए है। 

  • वायुमंडल में जलवाष्प निचली परत  में 8 km की ऊंचाई तक मिलती है। ध्रुव क्षेत्रा में इसकी मात्रा नगण्य होता है। 
  • धूलकण आद्रताग्राही होते है, ये प्रकाश के पार्किन में सहायक होते है। 
  • सर्वाधिक मात्रा में नइट्रोजन एवं ऑक्सीजन गैस होते है। 

वायु मंडल में उपस्थित गैसे तथा उनकी मात्रा 

 

  गैसों  के नाम 

 मात्रा

1 

 नाइट्रोजन

 78.08

2 

 ऑक्सीजन

20.95

3 

 आर्गन

0.93 

4 

 कार्बन डाइऑक्साइड  

 0. 036

5 

 नियॉन

0.002 

6 

 हीलियम

 0.001

7 

 क्रिप्टॉन

 0.0005

8 

 जेनॉन

 0.00009

9 

 हाइड्रोजन

 0.00005

10 

 मीथेन

 0.00017

11 

 ओजोन

 0.000004

12 

 नाइट्रस ऑक्साइड   

 0.00003


नाइट्रोजन 

नाइट्रोजन वायु मंडल में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है,और ये वायु मंडल में उपस्थित गैसों की आपेक्षा कम सक्रिय होती है। 
  • नाइट्रोजन इस गैस की कोई रंग गंध अथवा स्वाद नहीं होता है। 

वायु मंडल की संरचना :-

वायु मंडल को निम्न परतो में बॅंटा जाता है। 

  1. क्षोभमंडल 
  2. समतापमंडल 
  3. मध्यमंडल 
  4. आयनमंडल 
  5. बाह्ममंडल 

क्षोभमंडल -

  • वायुमंडल में सबसे निचली पारत है इसकी उचाई 13 km  औसतन होता है ध्रुवो पर इसकी ऊंचाई,औसतन 8km होता है। और संवहनीये धाराओं के कारण विषुवत रेखा पर 18 km  तक होता है। 
  • समस्त मौसमी घटनाये इसी मंडल में होती है।  इसी कारण ये मंडल वायुयातायात के लिए उपयुक्त  नहीं माना जाता है। 
  • ऊंचाई के साथ यहाँ तापमान 6.5 डिग्रि सेल्सियस प्रति किलोमीटर घटता है जिसे सामान्य ह्रास ताप कहते है। 
  • इसी मंडल में सभी जीव एवं पेड़- पौधे तथा मनुष्य शवासन तथा  समस्त जैबिक और अजैबिक क्रियाए करते है। 

समतापमंडल - 

  • समतापमंडल 50 km तक के ऊंचाई तक फैला हुआ है। यह क्षोभसीमा द्वारा क्षोभमंडल से अलग होता है। 
  • इस मंडल में उचाई बढ़ने  पर ताप में बढ़ोतरी होती है।  इसका कारण ओजोन गैस की मौजूदगी है। 
  • यह मंडल वायु यातायात के लिए आदर्श माना जाता है क्योकि यह मंडल मौसमी घटनाओ से मुक्त होता है। 
  • इसकी सबसे ऊपरी सीमा को समताप सीमा कहते है। 

मध्यमंडल - 

  • इस मंडल का विस्तार 80km तक है। 
  • इस मंडल में उचाई के साथ तापमान में कमी आती है। 
  • यहाँ 80km के उचाई पर तापमान घटकर -100 डिग्री सेल्सियस  हो जाता है। 

आयनमंडल - 

  • इसका विस्तार 80km - 400km के बीच पाया जाता है। 
  • इस मंडल में विधुत  आवेशित कण पाए जाते है जिन्हें आयन कहते है। 
  • आयनमंडल में उचाई के साथ साथ तापमान में भी बढ़ोतरी देखी जाती है। 
  • यह तापमण्डल का ही एक भाग है। 
  • इस मंडल से रेडियो तरंगे वापस लौट  जाती है जिससे पृथ्वी पर रेडियो , टेलीविजन का प्रचलन सुगम हो जाता है। 

बाह्ममंडल - 

  • इस मंडल का विस्तार 400km की उचाई के बाद पाया जाता है। 
  • यह वायु मंडल का सबसे ऊपरी परत है। यहाँ वायु अत्यंत विरल होती है। 



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