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महापाषाण काल

महापाषाण काल  नवपाषाण युग की समाप्ति के बाद दक्षिण में जिस संस्कृति का उदय हुआ, उसे महापाषाण काल कहा जाता है। पत्थर की कब्रों को 'महापाषाण' कहा जाता था। इन कब्रों में मानवों को दफनाया जाता था। महापाषाण काल से संबद्ध लोग साधारणतः पहाड़ों की ढलान पर रहते थे। दक्कन, दक्षिण भारत, उत्तर-पूर्वी भारत तथा कश्मीर में यह प्रथा प्रचलित थी। यहाँ की कब्रों में लोहे के औज़ार, घोड़े के कंकाल तथा पत्थर एवं सोने के गहने भी प्राप्त हुए हैं। महापाषाण काल में आंशिक शवाधान की पद्धति भी प्रचलित थी जिसके तहत शवों को जंगली जानवरों के खाने के लिये छोड़ दिया जाता था। ब्रह्मगिरि, आदिचन्नलूर, मास्की, चिंगलपत्तु, नागार्जुनकोंडा आदि इसके प्रमुख शवाधान केंद्र हैं। महापाषाणकालीन लोग धान के अतिरिक्त रागी की खेती भी करते थे। इतिहासकारों ने महापाषाण काल का निर्धारण 1000 ई. पू. से लेकर प्रथम शताब्दी ई. पू. के बीच किया है। 

क्या कब और कैसे class 6 NCERT SHORT NOTES

  lesson 1 कृषि का आरंभ 8000 वर्ष पूर्व सिंधु सभ्यता के प्रथम नगर 4700 वर्ष पूर्व गंगा घाटी के नगर मगध का बड़ा राज्य 2500 वर्ष पूर्व वर्तमान लगभग 2000 वर्ष पूर्व नर्मदा नदी के तट पर लाखो वर्ष पहले लोग संग्राहक के रूप में रहते भोजन का संग्राह - संग्राहक यह आखेट भी करते थे और जंगलों से परिचित थे सुलेमान और किरथर की पहाड़ियां - पाकिस्तान वर्तमान सबसे पहले गेहूं तथा जौ - 8000 वर्ष पूर्व -सुलेमान और किरथर की पहाड़ियां यहां के लोगों ने भेड़ बकरी और गाय बैल जैसे पशुओं को पालतू बनाया -  गांव में रहते थे। उत्तर पूर्व में गारो तथा मध्य भारत में विंध्य पहाड़ियों --- कृषि का विकास। सबसे पहले चावल उपजाया गया ---- विंध्य के उत्तर में स्थित सिंधु  तथा उसकी सहायक नदियों के किनारे ---- लगभग 4700 वर्ष पूर्व आरंभिक नगर बसे गंगा एवं इसकी सहायक नदियों के किनारे तथा समुंद्र तटवर्ती इलाकों में नगरों का विकास लगभग 2500 वर्ष पूर्व प्राचीन काल में --- गंगा के दक्षिणी क्षेत्र आसपास के क्षेत्र ---- मगध के नाम से ---- शासक-- शक्तिशाली थे। इंडिया तथा भारत नाम- इंडिया शब्द इण्डस से निकला है जिसे संस्कृत में सिंधु कह

लाल किला

लाल किला का निर्माण शाहजहां के काल में हुआ था । शाहजहां काल में स्थापत्य - इस दौरान मुगल स्थापत्य अपने चरमोत्कर्ष पर था इसीलिए इसे मुगल स्थापत्य का स्वर्ण काल कहा जाता है। शाहजहानाबाद नगर में अष्टभुजा कार लाल किला का निर्माण शाहजहा ने करवाया।1648 ईस्वी में लाल बलुआ पत्थर से निर्मित इस किले में रंगमहल, हीरा महल, नौबत खाना, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास आदि इमारतें हैं। दीवान ए खास के अंदर की छत में सोने चांदी जैसे एवं अनेक बहुमूल्य पत्थर संगमरमर की मिली जुली सजावट है। किले में बनी रंगमहल इमारत को शीशे से सजाया जाने के कारण इसे शीशा महल कहा जाता है। औरंगजेब ने इस में मोती मस्जिद का निर्माण करवाया था।

प्रागैतिहासिक काल, आग का आविष्कार कब हुआ

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प्रागैतिहासिक काल किसे कहते हैं 👉जिस काल में मनुष्य ने घटनाओं का कोई लिखित विवरण उद्धत नहीं किया उसे प्रागैतिहासिक काल कहते हैं। इतिहास किसे कहा जाता है 👉मानव विकास के उस काल को इतिहास कहा जाता है जिसका विवरण लिखित रूप में उपलब्ध है।  आध इतिहासिक काल किसे कहते हैं 👉आदित्य शिकार उस काल को कहते हैं जिस काल में लेखन कला के प्रचलन के बाद उपलब्ध लेख पढ़े नहीं जा सके हैं। होमोसैपियंस किसे कहा जाता है 👉होमोसैपियंस ज्ञानी मानव को कहा जाता है ज्ञानी मानव का प्रवेश इस धरती पर  कब हुआ 👉ज्ञानी मानव का इस धरती पर प्रवेश आज से लगभग 30 या 40 हजार वर्ष पूर्व हुआ पूर्व पाषाण युग या पुरापाषाण काल के मानव की जैविक का मुख्य आधार क्या था 👉 पूर्व पाषाण युग या पुरापाषाण काल के मानव की जैविक का मुख्य आधार शिकार था शिकार पुरापाषाण काल में आदिमानव के मनोरंजन के भी साधन थे आग का आविष्कार कब हुआ 👉 आग का आविष्कार पुरापाषाण काल में हुआ पहिए का आविष्कार कब हुआ 👉 पहिए का आविष्कार नवपाषाण काल में हुआ मनुष्य में स्थाई निवास की प्रवृत्ति कब उत्पन्न हुई 👉 मनुष्य में स्थाई निवास की प्राइवेट तीनों पाषा

रूसी क्रांति का प्रभाव 10th class history

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रूसी क्रांति के प्रभाव रूसी क्रांति के प्रभाव निम्नलिखित हैं। 1.इस क्रांति के पश्चात श्रमिक अथवा सर्वहारा वर्ग की सत्ता रूस में स्थापित हो गई तथा इसने अन्य क्षेत्रों में भी आंदोलन को प्रोत्साहन दिया। 2.रूसी क्रांति के बाद विश्व में विचारधारा के स्तर पर दो खेमों में विभाजित हो गया साम्यवादी विश्वा एवं पूंजीवादी विश्व इसके पश्चात यूरोप भी दो भागों में विभाजित हो गया पूर्वी यूरोप एवं पश्चिमी यूरोप धर्म सुधार आंदोलन के पश्चात और साम्यवादी क्रांति के पहले यूरोप में वैचारिक आधार पर इस तरह का विभाजन नहीं देखा गया था। 3.द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात पूंजीवाद विश्व तथा सोवियत रूस के बीच युद्ध की शुरुआत हुई और आगामी चार दशकों तक दोनों खेमों के बीच शास्त्रों की होड़ चलती रही। 4.रूसी क्रांति के पश्चात आर्थिक आयोजन के रूप में एक नवीन आर्थिक मॉडल आया आगे पूंजीवादी देश ने भी परिवर्तित रूप  में इस मॉडल को अपना लिया इस प्रकार से पूंजीवाद के चरित्र में वे परिवर्तन आ गया। 5.इस क्रांति की सफलता ने एशिया और अफ्रीका में उपनिवेश मुक्ति को भी प्रोत्साहन दिया क्योंकि सोवियत रूस की साम्यवादी सरकार ने

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