मछली मछली को छूते हुए संतू क्यों हिचक रहा था ? संतू मछलियों को छूते हुए हिचक रहा था, क्योंकि उसे डर था कि मछली काट लेगी। मछलियाँ लिए घर आने के बाद बच्चों ने क्या किया? मछलियाँ घर लाने के बाद बच्चों ने नहानघर में भरी हई बाल्टी की आधी करके उसमें मछलियाँ को रख दिया मछलियों को लेकर बच्चों की अभिलाषा क्या थी? मछलियों को लेकर बच्चों के मन में अभिलाषा थी कि एक मछली पिताजी से माँगकर उसे कुएँ में डालकर बहुत बड़ी करेंगे। कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें। 'मछली' शीर्षक कहानी में एक किशोर की स्मृतियाँ, दृष्टिकोण और समस्याएँ हैं। मछलियों के माध्यम से, मुक रहकर प्राणांत को स्वीकार लेना ही लाचार, शोषित, पीड़ित जनों की नियति है, बताया गया है। जीवन क्षणभंगुर है। कल्पनाएँ क्षणिक हैं एवं स्वप्न कभी भी बिखर सकते हैं। बाल सुलभ मनोभाव मछलियों के इर्द-गिर्द घूमते हैं। पूरी कहानी मछली पर ही आधारित है। मछली की दशा का जीवन्त चित्रण है। अंततः दीदी की तुलना भी बालक मछली से करता है। इस कहानी का 'मछली' शीर्षक पूर्ण रूपेण सार्थक कहा जा सकता है। झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे दौडते हुए पतली गली...
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