समास - समास के परिभाषा , समास के भेद, समास के भेद उदाहरण सहित
समास :- 👉परिभाषा - समाज शब्द का अर्थ है - संक्षेप। जब दो या दो से अधिक शब्द अपने कारक चिन्ह को छोड़कर एक हो जाते हैं तो उस इस क्रिया को समास कहते हैं। जैसे:- राजपुत्र = राजा का पुत्र। यहां 'राजा' और 'पुत्र' दो पद हैं जो 'का' विभक्ति से जुड़े हुए हैं। जब 'का'विभक्ति का लोप हो जाता है तो एक नया पद बनता है - राजपुत्र। यहां क्रिया समास कहलाती है। समास के चार भेद होते हैं :- 1. अव्ययीभाव समस :- 👉जिस समास का प्रथम पद अव्यय हो और उसी का अर्थ प्रधान हो, उसे अव्ययीभाव समस कहते हैं। जैसे:- यथाशक्ति = (यथा + शक्ति), यहां यथा अव्यय का मुख्य अर्थ जितनी शक्ति है। इसमें 'यथा' अव्यय की प्रधानता है। इसी प्रकार प्रतिदिन, यथासाध्य, प्रतिवर्ष, अलौकिक, आजन्म, भरपेट, दिनोंदिन अव्ययीभाव के उदाहरण है। 2. तत्पुरुष समास :- 👉जिस समास पद में पहला पद प्रधान न हो उत्तर पद (बाद का पद) प्रधान हो उसे तत्पुरुष समास का के हैं। इसी समास में कारकिए परसर्गो (का, की, के, में, से, पर, द्वारा) का लोप हो जाता है। जैसे:- राजपुत्र, हारखर्च, धनहिन, शरणागत, आदि। राजपुत्र। यहां 'राज