उपसर्ग
उपसर्ग :- उपसर्ग व शब्दांश है जो किसी शब्द के पहले लगते हैं और उसके अर्थ को बदल देते हैं। जैसे:- 'जय' शब्द का अर्थ है 'जीत'। यदि उसके शुरू में 'परा' उपसर्ग लगा दे तो 'पराजय' शब्द बनता है। पराजय का अर्थ है, जो 'जय' शब्द के बिल्कुल विपरीत है। इसी प्रकार 'बल' शब्द का अर्थ ताकत है। इसमें 'प्र' और 'निर्' उपसर्ग लगा दिया जाए तो अर्थ बदल जाता है। जैसे:- उपसर्ग:- (क) प्र + बल - प्रबल (अधिक बलवान) (ख) नि:+ बल - निर्बल (कमजोर) हिंदी उपसर्ग लगभग नहीं के बराबर है। ये या तो संस्कृत में है या उर्दू के। संस्कृत उपसर्गो की संख्या 22 , हिंदी उपसर्गों की संख्या 8, उर्दू उपसर्ग 19 के लगभग हैं।