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जलवायु परिवर्तन

  जलवायु परिवर्तन भारत संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन के रूपरेखा सम्मेलन का सदस्य देश है जिसका उद्देश्य ग्रीन हाउस गैसों को वायुमण्डल के एक स्तर पर केंद्रित करना है ताकि मनुष्य जलवायु प्रणाली में खतरनाक हस्तक्षेप न कर सके। सम्मेलन में विभिन्न पक्षों को उसके सचिवालय के माध्यम से निम्न प्रमुख सूचनाएं देने को कहा गया है:  (i) मॉन्ट्रियल समझौते से नियंत्रित होने वाली गैसों के उत्सर्जन के स्रोतों को और सभी ग्रीन हाउस गैसों के धीरे धीरे कम होने की जहां तक क्षमता अनुमति देती है उसकी राष्ट्रीय सूची । समझौते को लागू करने के उपायों का विवरण। (ii) कोई अन्य सूचना जिसे पार्टी समझौते में उद्देश्यों को हासिल करने के लिए उचित समझती है। पर्यावरण मंत्रालय परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए नोडल एजेंसी है। भारत ने 2002 में क्योटो समझौते को स्वीकार किया और इसका एक उद्देश्य राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप स्वच्छ विकास लागू करना है। समझौते के अनुसार संक्रांतिकाल के दौरान की अर्थव्यवस्थाओं सहित विकसित देश ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन 2008-12 के दौरान 1990 के स्तरों से औसतन 5.2 प्रतिशत कम करने के लिए प्र

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