कृषि
कृषि कृषि मानव सभ्यता का आधार है क्योंकि यह जीवन की मूल जरूरतों जैसे भोजन, ईंधन और कपड़ा, को पूरा करती है। खेती का इतिहास तो 10-12 हजार साल से ज्यादा पुराना नहीं है। प्रागैतिहासिक काल में महिलाओं द्वारा खाद्यान्नों की खोज करने से लेकर परंपरागत किस्मों को उगाने और बचाने तक उपज को बढ़ाना और उसकी गुणवत्ता को सुधारना ही मुख्य उद्देश्य रहा औद्योगीकरण से पहले खेती करना एक श्रमसाध्य कार्य था लेकिन यंत्रीकरण के बाद, विशेष रूप से ट्रैक्टर के आने के बाद खेती करना काफी सरल हो गया। संश्लेषित उर्वरकों और कीटनाशकों, चयनित नस्ल की फसलों और यंत्रीकरण ने कृषि को एक नई दिशा दी । उन्नीसवीं शताब्दी के आरंभ में कृषि तकनीकों, उपकरणों, सीड स्टॉक में आए परिवर्तन ने उपज को कई गुणा बढ़ा दिया। प्राचीन काल की तुलना में एक परिवर्तन यह आया कि पहले लोग खेती केवल अपने भरण-पोषण के लिए करते थे जबकि अब ऐसा नहीं है। कुदरत जो करिश्मा लाखों सालों में कर पाती थी, अब आनुवंशिक अभियांत्रिकी के जरिए पलक झपकते ही किया जा रहा है। वर्तमान में फसल की उत्पादकता बढ़ाना जितना महत्वपूर्ण है, उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है फसलों की