गुलाम वंश हैलो दोस्तों आज के इस पोस्ट मे हम लोग गुलाम वंश के बारे मे जानेंगे, गुलाम वंश मध्यकालीन राजवंश था । इस वंश की स्थापना कुतुबउद्दीन ने किया था ।
The sentence A group of words like which makes completes sense is called a sentence. kind of sentences sentences are for kinds Declarative or assertive sentence Interrogative sentence Imperative sentences Exclamatory sentences
मछली मछली को छूते हुए संतू क्यों हिचक रहा था ? संतू मछलियों को छूते हुए हिचक रहा था, क्योंकि उसे डर था कि मछली काट लेगी। मछलियाँ लिए घर आने के बाद बच्चों ने क्या किया? मछलियाँ घर लाने के बाद बच्चों ने नहानघर में भरी हई बाल्टी की आधी करके उसमें मछलियाँ को रख दिया मछलियों को लेकर बच्चों की अभिलाषा क्या थी? मछलियों को लेकर बच्चों के मन में अभिलाषा थी कि एक मछली पिताजी से माँगकर उसे कुएँ में डालकर बहुत बड़ी करेंगे। कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें। 'मछली' शीर्षक कहानी में एक किशोर की स्मृतियाँ, दृष्टिकोण और समस्याएँ हैं। मछलियों के माध्यम से, मुक रहकर प्राणांत को स्वीकार लेना ही लाचार, शोषित, पीड़ित जनों की नियति है, बताया गया है। जीवन क्षणभंगुर है। कल्पनाएँ क्षणिक हैं एवं स्वप्न कभी भी बिखर सकते हैं। बाल सुलभ मनोभाव मछलियों के इर्द-गिर्द घूमते हैं। पूरी कहानी मछली पर ही आधारित है। मछली की दशा का जीवन्त चित्रण है। अंततः दीदी की तुलना भी बालक मछली से करता है। इस कहानी का 'मछली' शीर्षक पूर्ण रूपेण सार्थक कहा जा सकता है। झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे दौडते हुए पतली गली...
(अयं पाठः सुप्रसिद्धस्य ग्रन्थस्य महाभारतस्य उद्योगपर्वणः अंशविशेष (अध्यायाः) रूपायाः विदुरनीते: संकलितः। यद्धम् आसन्नं प्राप्य धृतराष्ट्रो मन्त्रिप्रवरं विदुरं स्वचित्तस्य शान्तये कांश्चित् प्रश्नान् नीतिविषयकान् पृच्छति । तेषां समुचितमुत्तरं विदुरो ददाति। तदेव प्रश्नोत्तररूपं ग्रन्थरत्नं विद रनीतिः। इयमपि भगवद्गीतेव महाभारतस्याङ्गमपि स्वतन्त्रग्रन्थरूपा वर्तते।) हिदी- यह पाठ सुप्रसिद्ध ग्रन्थ महाभारत का उद्योग पर्व का - विशेष अंश अध्याय 33-40 के रूप में उल्लिखित विदुर-नीति से संग्रहित है। युद्ध को अवश्यंभावी और समीप देखकर धृतराष्ट्र ने सुयोग्य मंत्री । विदुर को अपना चित्र शांति के लिए नीति विषय से संबंधित कुछ प्रश्न . पूछते हैं। उनका उचित उत्तर विदुर देते हैं। वही प्रश्नोत्तररूप ग्रन्थरत्न विदुर-नीति है। यह भी भगवद्गीता की तरह महाभारत का एक अंग होते हए भी स्वतंत्र ग्रन्थ रूप में है। यस्य कृत्यं न विनन्ति शीतमुष्णं भयं रतिः । समृद्धिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते ॥1॥ हिदी- जिसके कार्य में शीत, ऊष्ण, भय और डर तथा सुख-दुख बाधा नहीं करते वही व्यक्ति पण्डित है। ...
कृषि कृषि मानव सभ्यता का आधार है क्योंकि यह जीवन की मूल जरूरतों जैसे भोजन, ईंधन और कपड़ा, को पूरा करती है। खेती का इतिहास तो 10-12 हजार साल से ज्यादा पुराना नहीं है। प्रागैतिहासिक काल में महिलाओं द्वारा खाद्यान्नों की खोज करने से लेकर परंपरागत किस्मों को उगाने और बचाने तक उपज को बढ़ाना और उसकी गुणवत्ता को सुधारना ही मुख्य उद्देश्य रहा औद्योगीकरण से पहले खेती करना एक श्रमसाध्य कार्य था लेकिन यंत्रीकरण के बाद, विशेष रूप से ट्रैक्टर के आने के बाद खेती करना काफी सरल हो गया। संश्लेषित उर्वरकों और कीटनाशकों, चयनित नस्ल की फसलों और यंत्रीकरण ने कृषि को एक नई दिशा दी । उन्नीसवीं शताब्दी के आरंभ में कृषि तकनीकों, उपकरणों, सीड स्टॉक में आए परिवर्तन ने उपज को कई गुणा बढ़ा दिया। प्राचीन काल की तुलना में एक परिवर्तन यह आया कि पहले लोग खेती केवल अपने भरण-पोषण के लिए करते थे जबकि अब ऐसा नहीं है। कुदरत जो करिश्मा लाखों सालों में कर पाती थी, अब आनुवंशिक अभियांत्रिकी के जरिए पलक झपकते ही किया जा रहा है। वर्तमान में फसल की उत्पादकता बढ़ाना जितना महत्वपूर्ण है, उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है फसलों...
जीआई टैग भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication) का इस्तेमाल ऐसे उत्पादों के लिये किया जाता है, जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है। इन उत्पादों की विशिष्ट विशेषता एवं प्रतिष्ठा भी इसी मूल क्षेत्र के कारण होती है। इस तरह का संबोधन उत्पाद की गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है। जीआई टैग को औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण के लिये पेरिस कन्वेंशन (Paris Convention for the Protection of Industrial Property) के तहत बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के एक घटक के रूप में शामिल किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर GI का विनियमन विश्व व्यापार संगठन (WTO) के बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलुओं (Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights-TRIPS) पर समझौते के तहत किया जाता है। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर यह कार्य ‘ वस्तुओं का भौगोलिक सूचक’ (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 (Geographical Indications of goods ‘Registration and Protection’ act, 1999) के तहत किया जाता है, जो सितंबर 2003 से लागू हुआ। वर्ष 2004 में ‘दार्जिलिंग टी’ जीआई टैग प्राप्त क...
स्वदेशी 10th class hindi इस पोस्ट मे हम लोग 10 class हिन्दी की महतपूर्ण अध्याय स्वदेशी का प्रश्न और ऊतर करने वाले है जिस से अक्सर ही परिक्षा मे सवाल पूछे जाते है आप इन सभी प्रश्न और ऊतर को याद कर ले ये आपके exam मे मदद करेगा कविता के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए। उत्तर -- वस्तुत: किसी भी गद्य या पद्य का शीर्षक वह धुरी होता है जिसके चारों तरफ कहानी या भाव घूमते रहता है। रचनाकार शीर्षक देते समय उसके कथानक, कथावस्तु, कथ्य को ध्यान में रखकर ही देता है। प्रस्तुत कविता का शीर्षक 'स्वदेशी' अपने आप में उपयुक्त है। पराधीन भारत की दुर्दशा और लोगों की सोच को ध्यान में रखकर इस शीर्षक को रखा गया है। अंग्रेजी वस्तुओं को फैशन मानकर नये समाज की परिकल्पना करते हैं। रहन-सहन खान-पान आदि सभी पाश्चात्य देशों का ही अनुकरण कर रहे हैं। स्वदेशी वस्तुओं को तुच्छ मानते हैं। हिन्दु, मुस्लमान, ईसाई आदि सभी विदेशी वस्तुओं पर ही भरोसा रखते हैं। उन्हें अपनी संस्कृति विरोधाभास लाती है। बाजार में विदेशी वस्तुएँ ही नजर आती _है। भारतीय कहने-कहलाने पर अपने आप को हेय की दृष्टि से देखते हैं। ...
पूर्णिमा 👉 पूर्ण चंद्रमा वाली रात को पूर्णिमा कहते हैं। अर्थात चंद्रमा वाली रात । अमावस्या 👉 बिना चांद वाली रात को अमावस्या कहते हैं। इसे नये चंद्रमा की रात भी कहा जाता है। खगोलीय पिंड 👉 सूर्य चंद्रमा एवं रात को आसमान में चमकने वाली सभी वस्तुओं को खगोलीय पिंड कहते हैं। तारा 👉 यह आकार में बड़े, गर्म, और गैसों से बने होते हैं इनके पास अपनी ऊष्मा होती है एवं बड़ी मात्रा में ये अपनी उष्मा उत्सर्जित करते हैं तथा अपने प्रकाश से प्रकाशित होते हैं। 🌟 हमारा सूर्य भी एक तारा है ग्रह 👉 ग्रह के पास अपना प्रकाश नहीं होता है।यह सूर्य/तारों के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं तथा ग्रह अपने कक्षा में सूर्य के चक्कर लगाते हैं। ध्रुव तारा 👉 ध्रुव तारा हमेशा उत्तरी ध्रुव पर स्थित रहता है। प्राचीन काल एवं इस वर्तमान काल में भी रात के समय में ध्रुव तारा दिशा पता करने में काम आती है। नक्षत्र मंडल 👉 तारों के समूह द्वारा बनाए गए विभिन्न आकृतियां नक्षत्र मंडल कहलाती है। जैसे अमें यार बिग बियर सप्त ऋषि चंद्रमा 👉 चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है। पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 384400 किलोमीटर है। 🌟 नील...
जैव उपचार एक ऐसी तकनीक है जिसमें सूक्ष्मजीव का प्रयोग कर पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने का या रोकने का कार्य किया जाता है यह तकनीक मुख्यता इस आधार पर कार्य करती है कि सूक्ष्म जीवों में जैविक योगिक को को नष्ट करने की असीमित क्षमता होती है अनुसंधान के तौर पर बायो रेमेडिएशन का व्यापक रूप से प्रयोग मरुस्थलीकरण को रोकने, वैश्विक जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने एवं पदार्थों के जीवन चक्र को उनके प्राकृतिक रूप में बनाए रखने के लिए किया जा रहा है।
नागरी लिपि गुणाकर मुले का जन्म किस राज्य में हुआ था बिहार उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र मध्य प्रदेश गुणाकर मूले की प्रारंभिक शिक्षा किस परिवेश में हुई थी नगरीय ग्रामीण उच्च स्तरीय इनमें से कोई नहीं गुणाकर मुले ने मिडिल स्तर की पढ़ाई किस भाषा में की हिंदी अंग्रेजी संस्कृत मराठी गुणाकर मुले ने मिडिल स्तर की पढ़ाई किस भाषा में की अनामिका की गुणाकर मुले की हजारी प्रसाद द्विवेदी की इनमें से कोई नहीं गुणाकर मुले की शिक्षा की भाषा क्या थी हिंदी अंग्रेजी संस्कृत मराठी नागरी लिपि किस विधा की रचना है कहानी निबंध उपन्यास संस्मरण “नागरी लिपि पाठ” किस लिपि में रचित है ब्राम्ही खरोष्ठी देवनागरी इनमें से कोई नहीं देवनागरी लिपि के टाइप लगभग कितने पहले बने दो सदी तीन सदी एक सदी इनमें से कोई नहीं गुणाकर मुले ने किस लिपि को प्राचीन नागरी लिपि की बहन की...
एक भारत श्रेष्ठ भारत इस अभियान को वर्ष 2015 में विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों के मध्य जुड़ाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था ताकि विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के बीच आपसी समझ और संबंधों को बढ़ाया जा सके तथा भारत की एकता और अखंडता को मज़बूत किया जा सके। यह शिक्षा मंत्रालय की एक पहल है। इस पहल के व्यापक उद्देश्य इस प्रकार हैं: राष्ट्र की विविधता में एकता कायम करना तथा लोगों के मध्य पारंपरिक रूप से विद्यमान भावनात्मक बंधन को बनाए रखना और उसे मज़बूती प्रदान करना। सभी भारतीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच एक वार्ता तथा बेहतर संबंध स्थापित कर राष्ट्रीय एकीकरण की भावना को बढ़ावा देना। लोगों को भारत की विविधता को समझने, उसकी सराहना करने, विभिन्न राज्यों की समृद्ध विरासत और संस्कृति, रीति-रिवाजों तथा परंपराओं को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से सामान्य पहचान की भावना को बढ़ावा देना लंबे समय तक काम में संलग्न होने के लिये एक ऐसा वातावरण निर्मित करना जो सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों को साझा कर विभिन्न राज्यों के मध्य सीखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देता हो। देश क...