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स्वदेशी 10th class hindi question and answer

 स्वदेशी 10th class hindi  इस पोस्ट मे हम लोग 10 class हिन्दी की महतपूर्ण अध्याय स्वदेशी का प्रश्न और ऊतर करने वाले है जिस से अक्सर ही परिक्षा मे सवाल पूछे जाते है आप इन सभी प्रश्न और ऊतर को याद कर ले ये आपके exam मे मदद करेगा  कविता के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।  उत्तर -- वस्तुत: किसी भी गद्य या पद्य का शीर्षक वह धुरी होता है जिसके चारों तरफ कहानी या भाव घूमते रहता है। रचनाकार शीर्षक देते समय उसके कथानक, कथावस्तु, कथ्य को ध्यान में रखकर ही देता है। प्रस्तुत कविता का शीर्षक 'स्वदेशी' अपने आप में उपयुक्त है। पराधीन भारत की दुर्दशा और लोगों की सोच को ध्यान में रखकर इस शीर्षक को रखा गया है। अंग्रेजी वस्तुओं को फैशन मानकर नये समाज की परिकल्पना करते हैं। रहन-सहन खान-पान आदि सभी पाश्चात्य देशों का ही अनुकरण कर रहे हैं। स्वदेशी वस्तुओं को तुच्छ मानते हैं। हिन्दु, मुस्लमान, ईसाई आदि सभी विदेशी वस्तुओं पर ही भरोसा रखते हैं। उन्हें अपनी संस्कृति विरोधाभास लाती है। बाजार में विदेशी वस्तुएँ ही नजर आती _है। भारतीय कहने-कहलाने पर अपने आप को हेय की दृष्टि से देखते हैं। सर्वत्र पाश्चात्

बहादुर 10th class hindi question and answer

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बहादुर  🌟बहादुर अपने घर से क्यों भाग गया था  👉एक बार बहादुर ने अपनी मां की प्यारी भैंस को बहुत मारा मां ने भैंस की मार का काल्पनिक अनुमान करके एक डंडे से उसकी दुगनी पिटाई कि बहादुर का मन मां  से फट गया वह चुपके से कुछ रुपए लिया और घर से भाग गया 🌟बहादुर का चरित्र-चित्रण करें 👉बहादुर कहानी का नायक है उम्र 13-14 वर्ष है ठीगना कद है गोरा शरीर और चपटे मुह वाला बहादुर अपनी मां की उपेक्षा और प्रताड़ना का शिकार है अपने काम में चुस्त-दुरुस्त और फुर्तीला है मानवीय भावनाएं हैं सबसे बड़ी बात है कि वह स्वाभिमानी और मेहनती तथा अपने काम के प्रति इमानदार है 🌟 बहादुर के नाम से दिल शब्द क्यों उड़ा दिया गया विचार करें 👉प्रथम बार नाम पूछने पर बहादुर ने अपना नाम दिल बहादुर बताया यहां दिल शब्द का अभिप्राय भावात्मक परिवेश में है बहादुर को उदारता से दूर रहकर मन और मस्तिष्क से केवल अपने घर के कार्यों में लीन होने का उपदेश दिया गया था इस प्रकार से निर्मला द्वारा उसके नाम से दिल शब्द उड़ा दिया गया 🌟अपने शब्दों में पहली बार दिखे बहादुर का वर्णन कीजिए 👉पहली बार देखे बहादुर की उम्र 13 14 वर्ष की थी उसका रंग

नौवतखाने में इबादत 10th class Hindi question and answer

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 नौवतखाने में इबादत 10th class hindi question and answer  'संगीतमय कचौड़ी' का आप क्या अर्थ समझते हैं ?  उत्तर -कुलसुम हलवाइन की कचौड़ी संगीतमय कहा गया है। वह जब बहुत गरम घी में कचौड़ी डालती थी, तो उस समय छन्न से आवाज उठती थी जिसमें अमीरुद्दीन को संगीत के आरोह-अवरोह की आवाज सुनाई देती थी। इसीलिए कचौड़ी को 'संगीतमय कचौड़ी' कहा गया है ।  सुषिर वाद्य किन्हें कहा जाता है ? 'शहनाई' शब्द की व्युत्पत्ति किस प्रकार हुई है? उत्तर– सुषिर वाद्य ऐसे वाद्य हैं, जिनमें नाड़ी (नरकट या रीड) होती है, जिन्हें फूंककर बजाया जाता है। अरब देशों में ऐसे वाद्यों को नय कहा जाता है और उनमें शाह को शहनाई की उपाधि दी गई है, क्योंकि यह वाद्य मुरली, श्रृंगी जैसे अनेक वाद्यों से अधिक मोहक है।  पठित पाठ के आधार पर मुहर्रम पर्व से बिस्मिल्ला खाँ के जुड़ाव का परिचय दें।  उत्तर– मुहर्रम से बिस्मिल्ला खाँ का अत्यधिक जुड़ाव था। मुहर्रम के महीने में वे न तो शहनाई बजाते थे और न ही किसी संगीत-कार्यक्रम में सम्मिलित होते थे । मुहर्रम की आठवीं तारीख को बिस्मिल्ला खाँ खड़े होकर ही शहनाई बजाते थे। वे दालम

शिक्षा और संस्कृति 10th class Hindi question and answer महात्मा गांधी

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गाँधीजी बढ़िया शिक्षा किसे कहते हैं?  उत्तर- अहिंसक प्रतिरोध को गाँधीजी बढ़िया शिक्षा कहते हैं। यह शिक्षा अक्षर-ज्ञान से पूर्व मिलना चाहिए।   इंद्रियों का बुद्धिपूर्वक उपयोग सीखना क्यों जरूरी है? उत्तर-इन्द्रियों का बुद्धिपूर्वक उपयोग उसकी बुद्धि के विकास का जल्द-से-जल्द और उत्तम तरीका है।  मस्तिष्क और आत्मा का उच्चतम विकास कैसे संभव है ? उत्तर-शिक्षा का प्रारंभ इस तरह किया जाए कि बच्चे उपयोगी दस्तकारी सीखें और जिस क्षण से वह अपनी तालीम शरु करें उसी क्षण उन्हें उत्पादन का काम करने योग्य बना दिया जाए। इस प्रकार की शिक्षा-पद्धति में मस्तिष्क और आत्मा का उच्चतम विकास संभव है।  शिक्षा का ध्येय गाँधीजी क्या मानते थे और क्या ? उत्तर-शिक्षा का ध्येय गाँधीजी चरित्र-निर्माण करना मानते थे। उनके विचार से शिक्षा के माध्यम से मनुष्य में साहस, बल, सदाचार जैसे गुणों का विकास होना चाहिए, क्योंकि चरित्र-निर्माण होने से सामाजिक उत्थान स्वयं होगा। साहसी और सदाचारी व्यक्ति के हाथों में समाज के संगठन का काम आसानी से सौंपा जा सकता है ।  गाँधीजी किस तरह के सामंजस्य को भारत के लिए बेहतर मानते हैं और क्यों?

मछली 10th class Hindi question and answer

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मछली मछली को छूते हुए संतू क्यों हिचक रहा था ? संतू मछलियों को छूते हुए हिचक रहा था, क्योंकि उसे डर था कि मछली काट लेगी। मछलियाँ लिए घर आने के बाद बच्चों ने  क्या किया?  मछलियाँ घर लाने के बाद बच्चों ने नहानघर में भरी हई बाल्टी की आधी करके उसमें मछलियाँ को रख दिया  मछलियों को लेकर बच्चों की अभिलाषा क्या थी? मछलियों को लेकर बच्चों के मन में अभिलाषा थी कि एक मछली पिताजी से माँगकर उसे कुएँ में डालकर बहुत बड़ी करेंगे। कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें। 'मछली' शीर्षक कहानी में एक किशोर की स्मृतियाँ, दृष्टिकोण और समस्याएँ हैं। मछलियों के माध्यम से, मुक रहकर प्राणांत को स्वीकार लेना ही लाचार, शोषित, पीड़ित जनों की नियति है, बताया गया है। जीवन क्षणभंगुर है। कल्पनाएँ क्षणिक हैं एवं स्वप्न कभी भी बिखर सकते हैं। बाल सुलभ मनोभाव मछलियों के इर्द-गिर्द घूमते हैं। पूरी कहानी मछली पर ही आधारित है। मछली की दशा का जीवन्त चित्रण है। अंततः दीदी की तुलना भी बालक मछली से करता है। इस कहानी का 'मछली' शीर्षक पूर्ण रूपेण सार्थक कहा जा सकता है। झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे दौडते हुए पतली गली

नाखून क्यों बढ़ते हैं class 10th Hindi question an answer

हैलो दोस्तों आज के इस पोस्ट मे हम लोग 10th क्लास की हिन्दी के पाठ "नाखून क्यों बढ़ते" है प्रश्न उतर को करने वाले है।  प्रश्न 1. नाखून क्यों बढ़ते हैं ? यह प्रश्न लेखक के आगे कैसे उपस्थित हुआ ? उत्तर - नाखून क्यों बढ़ते हैं ? यह प्रश्न एक दिन लेखक की छोटी लड़की ने उनसे पूछ दिया। उस दिन से यह प्रश्न लेखक के सोचने का विषय बन गया। प्रश्न 2. 'स्वाधीनता' शब्द की सार्थकता लेखक क्या बताता है? उत्तर-   लेखक कहते हैं कि स्वाधीनता शब्द का अर्थ है अपने ही अधीन रहना। क्योंकि यहाँ के लोगों ने अपनी आज़ादी के जितने भी नाम-करण किये उन में हैं स्वतंत्रता, स्वराज, स्वाधीनता । उनमें स्व का बंधन अवश्य है प्रश्न 3. निबंध में लेखक ने किस बूढ़े का जिक्र किय है ? लेखक की दृष्टि में बूढ़े के कथनों की सार्थकता क्या है ? उत्तर- लेखक ने महात्मा गांधी को बूढ़े के प्रतीक रूप में जिक्र किया हैॽ लेखक की दृष्टि से महात्मा गाँधी के कथनों की सार्थकता उभर कर इस प्रकार आती है- आज मनुष्य में जो पाशविक प्रवृत्ति है उसमें सत्यता, सौंदर्य बोध एवं विश्वसनीयता का लेशमात्र भी स्थान नहीं है। महात्मा गांधी ने समस

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