वाक्य, ! अर्थ के आधार पर वाक्य और प्रकार के होते हैं !
अर्थ के आधार पर वाक्य और प्रकार के होते हैं :- 1. विधिवाचक :- इससे किसी कार्य के होने का बोध होता है। जैसे:- राम ने खा लिया है। पिताजी आज कोलकाता चले गए। 2. निषेधवाचक :- जिस वाक्य में किसी कार्य के न होने का बोध हो, उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। इसके द्वारा निशा दिया निन्दा प्रकट होता है। पड़ोसियों से बैर करना बुरी बात है। जैसे:- अभिषेक पढ़ता नहीं है। श्याम आज विद्यालय नहीं आएगा। 3. आज्ञावाचक वाक्य :- जब किसी वाक्य से किसी तरह की आज्ञा प्रार्थन, उपदेश आदि का बोध होता है तो उसे आज्ञावाचक वाक्य खाते हैं। जैसे:- बाहर जाकर देखो कौन आया है। कृपया मेरी बात सुन लीजिए। 4. प्रश्नवाचक वाक्य :- जिस वाक्य से किसी प्रश्न का बोध होता है, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे:- तुम कब आओगे? तुम भी देश कब जा रहे हो? 5. इच्छाबोधक वाक्य :- जिस वाक्य से किसी प्रकार की इच्छा और शुभकामना प्रकट होता है उसे इच्छाबोधक वाक्य कहते हैं। जैसे:- जहां रहे, सुख से रहे। तुम्हें सफलता मिले। 6. संदेहवाचक वाक्य :- जिस वाक्य से किसी प्रकार के संदेह का भाव प्रकट हो उसे संदेह