The sentence A group of words like which makes completes sense is called a sentence. kind of sentences sentences are for kinds Declarative or assertive sentence Interrogative sentence Imperative sentences Exclamatory sentences
नागरी लिपि गुणाकर मुले का जन्म किस राज्य में हुआ था बिहार उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र मध्य प्रदेश गुणाकर मूले की प्रारंभिक शिक्षा किस परिवेश में हुई थी नगरीय ग्रामीण उच्च स्तरीय इनमें से कोई नहीं गुणाकर मुले ने मिडिल स्तर की पढ़ाई किस भाषा में की हिंदी अंग्रेजी संस्कृत मराठी गुणाकर मुले ने मिडिल स्तर की पढ़ाई किस भाषा में की अनामिका की गुणाकर मुले की हजारी प्रसाद द्विवेदी की इनमें से कोई नहीं गुणाकर मुले की शिक्षा की भाषा क्या थी हिंदी अंग्रेजी संस्कृत मराठी नागरी लिपि किस विधा की रचना है कहानी निबंध उपन्यास संस्मरण “नागरी लिपि पाठ” किस लिपि में रचित है ब्राम्ही खरोष्ठी देवनागरी इनमें से कोई नहीं देवनागरी लिपि के टाइप लगभग कितने पहले बने दो सदी तीन सदी एक सदी इनमें से कोई नहीं गुणाकर मुले ने किस लिपि को प्राचीन नागरी लिपि की बहन की...
स्वदेशी 10th class hindi इस पोस्ट मे हम लोग 10 class हिन्दी की महतपूर्ण अध्याय स्वदेशी का प्रश्न और ऊतर करने वाले है जिस से अक्सर ही परिक्षा मे सवाल पूछे जाते है आप इन सभी प्रश्न और ऊतर को याद कर ले ये आपके exam मे मदद करेगा कविता के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए। उत्तर -- वस्तुत: किसी भी गद्य या पद्य का शीर्षक वह धुरी होता है जिसके चारों तरफ कहानी या भाव घूमते रहता है। रचनाकार शीर्षक देते समय उसके कथानक, कथावस्तु, कथ्य को ध्यान में रखकर ही देता है। प्रस्तुत कविता का शीर्षक 'स्वदेशी' अपने आप में उपयुक्त है। पराधीन भारत की दुर्दशा और लोगों की सोच को ध्यान में रखकर इस शीर्षक को रखा गया है। अंग्रेजी वस्तुओं को फैशन मानकर नये समाज की परिकल्पना करते हैं। रहन-सहन खान-पान आदि सभी पाश्चात्य देशों का ही अनुकरण कर रहे हैं। स्वदेशी वस्तुओं को तुच्छ मानते हैं। हिन्दु, मुस्लमान, ईसाई आदि सभी विदेशी वस्तुओं पर ही भरोसा रखते हैं। उन्हें अपनी संस्कृति विरोधाभास लाती है। बाजार में विदेशी वस्तुएँ ही नजर आती _है। भारतीय कहने-कहलाने पर अपने आप को हेय की दृष्टि से देखते हैं। ...
(अयं पाठः सुप्रसिद्धस्य ग्रन्थस्य महाभारतस्य उद्योगपर्वणः अंशविशेष (अध्यायाः) रूपायाः विदुरनीते: संकलितः। यद्धम् आसन्नं प्राप्य धृतराष्ट्रो मन्त्रिप्रवरं विदुरं स्वचित्तस्य शान्तये कांश्चित् प्रश्नान् नीतिविषयकान् पृच्छति । तेषां समुचितमुत्तरं विदुरो ददाति। तदेव प्रश्नोत्तररूपं ग्रन्थरत्नं विद रनीतिः। इयमपि भगवद्गीतेव महाभारतस्याङ्गमपि स्वतन्त्रग्रन्थरूपा वर्तते।) हिदी- यह पाठ सुप्रसिद्ध ग्रन्थ महाभारत का उद्योग पर्व का - विशेष अंश अध्याय 33-40 के रूप में उल्लिखित विदुर-नीति से संग्रहित है। युद्ध को अवश्यंभावी और समीप देखकर धृतराष्ट्र ने सुयोग्य मंत्री । विदुर को अपना चित्र शांति के लिए नीति विषय से संबंधित कुछ प्रश्न . पूछते हैं। उनका उचित उत्तर विदुर देते हैं। वही प्रश्नोत्तररूप ग्रन्थरत्न विदुर-नीति है। यह भी भगवद्गीता की तरह महाभारत का एक अंग होते हए भी स्वतंत्र ग्रन्थ रूप में है। यस्य कृत्यं न विनन्ति शीतमुष्णं भयं रतिः । समृद्धिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते ॥1॥ हिदी- जिसके कार्य में शीत, ऊष्ण, भय और डर तथा सुख-दुख बाधा नहीं करते वही व्यक्ति पण्डित है। ...
जीआई टैग भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication) का इस्तेमाल ऐसे उत्पादों के लिये किया जाता है, जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है। इन उत्पादों की विशिष्ट विशेषता एवं प्रतिष्ठा भी इसी मूल क्षेत्र के कारण होती है। इस तरह का संबोधन उत्पाद की गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है। जीआई टैग को औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण के लिये पेरिस कन्वेंशन (Paris Convention for the Protection of Industrial Property) के तहत बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के एक घटक के रूप में शामिल किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर GI का विनियमन विश्व व्यापार संगठन (WTO) के बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलुओं (Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights-TRIPS) पर समझौते के तहत किया जाता है। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर यह कार्य ‘ वस्तुओं का भौगोलिक सूचक’ (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 (Geographical Indications of goods ‘Registration and Protection’ act, 1999) के तहत किया जाता है, जो सितंबर 2003 से लागू हुआ। वर्ष 2004 में ‘दार्जिलिंग टी’ जीआई टैग प्राप्त क...
पूर्णिमा 👉 पूर्ण चंद्रमा वाली रात को पूर्णिमा कहते हैं। अर्थात चंद्रमा वाली रात । अमावस्या 👉 बिना चांद वाली रात को अमावस्या कहते हैं। इसे नये चंद्रमा की रात भी कहा जाता है। खगोलीय पिंड 👉 सूर्य चंद्रमा एवं रात को आसमान में चमकने वाली सभी वस्तुओं को खगोलीय पिंड कहते हैं। तारा 👉 यह आकार में बड़े, गर्म, और गैसों से बने होते हैं इनके पास अपनी ऊष्मा होती है एवं बड़ी मात्रा में ये अपनी उष्मा उत्सर्जित करते हैं तथा अपने प्रकाश से प्रकाशित होते हैं। 🌟 हमारा सूर्य भी एक तारा है ग्रह 👉 ग्रह के पास अपना प्रकाश नहीं होता है।यह सूर्य/तारों के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं तथा ग्रह अपने कक्षा में सूर्य के चक्कर लगाते हैं। ध्रुव तारा 👉 ध्रुव तारा हमेशा उत्तरी ध्रुव पर स्थित रहता है। प्राचीन काल एवं इस वर्तमान काल में भी रात के समय में ध्रुव तारा दिशा पता करने में काम आती है। नक्षत्र मंडल 👉 तारों के समूह द्वारा बनाए गए विभिन्न आकृतियां नक्षत्र मंडल कहलाती है। जैसे अमें यार बिग बियर सप्त ऋषि चंद्रमा 👉 चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है। पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 384400 किलोमीटर है। 🌟 नील...
बांग्लादेश बांग्लादेश विश्व में आठवाँ सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी 16.4 करोड़ से अधिक है। क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में 93वाँ है। राजधानी -- ढाका ( सबसे बड़ा शहर) जनसंख्या घनत्व के मामले में यह विश्व में 11 वें स्थान पर है। मुद्रा -- टाका (৳) (बीडीटी (BDT)) राष्ट्रगान :-- " आमार सोनार बांग्ला" (Bengali) ( "मेरा सुनहरा बंगाल" ) प्रयाण गीत:-- "नतुनेर गान" ( "नौजवानों का गाना) पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश बना । 26 मार्च को प्रत्येक वर्ष यह देश अपना स्वतन्त्रता दिवस मानता है। इस दिन यहाँ राष्ट्रीय अवकाश होता है। बांग्लादेश की राजनीति में राष्ट्रपति संवैधानिक प्रधान होता है, जबकि प्रधानमंत्री देश का प्रशासनिक प्रमुख होता है। राष्ट्रपति को हर पाँच साल बाद चुना जाता है। प्रधानमंत्री की नियुक्ति, राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, प्रधानमंत्री ऐसे व्यक्ति को चुना जाता है जो उस सम...
कृषि कृषि मानव सभ्यता का आधार है क्योंकि यह जीवन की मूल जरूरतों जैसे भोजन, ईंधन और कपड़ा, को पूरा करती है। खेती का इतिहास तो 10-12 हजार साल से ज्यादा पुराना नहीं है। प्रागैतिहासिक काल में महिलाओं द्वारा खाद्यान्नों की खोज करने से लेकर परंपरागत किस्मों को उगाने और बचाने तक उपज को बढ़ाना और उसकी गुणवत्ता को सुधारना ही मुख्य उद्देश्य रहा औद्योगीकरण से पहले खेती करना एक श्रमसाध्य कार्य था लेकिन यंत्रीकरण के बाद, विशेष रूप से ट्रैक्टर के आने के बाद खेती करना काफी सरल हो गया। संश्लेषित उर्वरकों और कीटनाशकों, चयनित नस्ल की फसलों और यंत्रीकरण ने कृषि को एक नई दिशा दी । उन्नीसवीं शताब्दी के आरंभ में कृषि तकनीकों, उपकरणों, सीड स्टॉक में आए परिवर्तन ने उपज को कई गुणा बढ़ा दिया। प्राचीन काल की तुलना में एक परिवर्तन यह आया कि पहले लोग खेती केवल अपने भरण-पोषण के लिए करते थे जबकि अब ऐसा नहीं है। कुदरत जो करिश्मा लाखों सालों में कर पाती थी, अब आनुवंशिक अभियांत्रिकी के जरिए पलक झपकते ही किया जा रहा है। वर्तमान में फसल की उत्पादकता बढ़ाना जितना महत्वपूर्ण है, उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है फसलों...
यातायात लगभग दो सौ साल पहले, मानव के पास यातायात का सबसे तेज उपलब्ध साधन घोड़ा था। अट्ठारहवीं शताब्दी के अंत में जेम्स वाट द्वारा विकसित वाष्प के इंजन ने यातायात को गति दी। समुद्री यातायातः बड़े और तेज वाष्प के इंजन से चलने वाले जहाजों से माल दूरस्थ तटों तक तेजी से जा सकता था, जिससे व्यापार तेजी से बढ़ा । आज भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार मुख्यतः जहाजों पर ही निर्भर है। पारंपरिक जहाजों के अतिरिक्त, हाल के दशकों में कुछ असाधारण सामुद्रिक जहाज भी विकसित किए गए हैं, होवरक्राफ्ट उनमें से एक है। रेलवेः वाष्प इंजन से चलने वाले जहाजों के कुछ वर्ष बाद रेलवे अस्त्तिव में आयी। रेलों को चलाने के लिए स्टीम इंजन का प्रयोग किया जाता था जो पटरियों पर डिब्बों की एक श्रृंखला को खींचते थे। पहली नियमित यात्री रेल सेवा 1825 में यू.के. में स्टॉकटन और डार्लिंगटन के बीच स्थापित की गई । 1830 के बाद कुछ ही दशकों में सभी विकसित देशों और उसके बाद विकासशील देशों में रेलवे लाइनों का जाल बिछ गया । रेल तेज गति से बड़ी मात्रा में सामान के साथ-साथ यात्रियों को भी लंबी दूरियों तक सहजता से ले जा सकती थी। डीजल इंजन...